आरएसएस ने कहा- धर्म बदलने वालों को नहीं मिले आरक्षण, मोदी सरकार ने बनाया है बालाकृष्णन आयोग
प्रयागराज में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की अध्यक्षता में संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि धर्म परिवर्तन करने वाले को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि धर्म परिवर्तन करने वालों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। प्रयागराज में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की अध्यक्षता में संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि जिन लोगों ने भी अपना धर्म बदला है उनको आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा इसी महीने 6 अक्टूबर को बनाए गए केजी बालाकृष्णन आयोग की चर्चा करते हुए ये बातें कहीं। होसबले ने कहा कि धर्मांतरण और घुसपैठ से जनसंख्या असंतुलन पैदा हो रहा है जो चिंताजनक है। संघ ने धर्मांतरण विरोधी कानूनों को सख्ती से लागू करने की जरूरत बताई।
संविधान में हिंदू धर्म के अनुसूचित जाति (एससी) के लोगों के लिए सरकारी नौकरियां वगैरह में 15 परसेंट आरक्षण की व्यवस्था है। 1956 में सिख और 1990 में बौद्ध धर्म के दलितों को भी इसमें शामिल कर लिया गया। इससे ये हुआ कि अगर कोई हिंदू दलित धर्म बदलकर सिख या बौद्ध भी बना तो उसे आरक्षण का लाभ मिलता रहा। लेकिन काफी हिंदू दलितों ने मुस्लिम और ईसाई धर्म भी अपनाया। उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिला। आरक्षण का ये विवाद खास तौर पर हिंदू से मुलसमान या ईसाई बने दलितों को लेकर है। सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर मामला चल रहा है। अगस्त में कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसका पक्ष पूछा था जिसके बाद सरकार ने अगली सुनवाई से पहले तीन सदस्यीय आयोग का गठन कर दिया जिसे दो साल में अपनी सिफारिश सरकार को सौंपने कहा गया है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने 6 अक्टूबर को आयोग बनाया है जिसके चेयरमैन पूर्व चीफ जस्टिस केजी बालाकृष्णन और पूर्व आईएएस रवींद्र कुमार जैन और यूजीसी की सदस्य प्रो. सुषमा यादव सदस्य हैं। आयोग यह सिफारिश करेगा कि क्या दलित हिंदुओं को मुसलमान या ईसाई बनने पर आरक्षण मिलना चाहिए या नहीं। आयोग ये भी बताएगा कि धर्म परिवर्तन करने वाले दलितों के जीवन स्तर या सामाजिक स्तर में क्या सुधार हुआ। आयोग को दो साल का कार्यकाल दिया गया है जिसका मतलब है कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले इसकी रिपोर्ट आने की संभावना कम है।