UP Metro Junior Engineer Recruitment 2022 : बेरोजगार बी.टेक.डिग्री धारक व यूपी मेट्रो के बीच विवाद

UP Metro Recruitment : बेरोजगार बी.टेक.डिग्री धारकों और उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के बीच टकराव की नौबत आ गयी है। ग्रेज्युएट इंजीनियरिंग स्टूडेण्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने हाल ही में
UP Metro Recruitment : बेरोजगार बी.टेक.डिग्री धारकों और उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के बीच टकराव की नौबत आ गयी है। ग्रेज्युएट इंजीनियरिंग स्टूडेण्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने हाल ही में मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में यूपी मेट्रो द्वारा जूनियर इंजीनियर की 109 पदों की रिक्तियों का हवाला दिया गया है।
इनमें 49 इलेक्ट्रिकल जूनियर इंजीनियर के पद शामिल हैं। एसोसिएशन को शिकायत है कि इन पदों के सापेक्ष शैक्षिक योग्यता से बी.टेक.कोर्स को बाहर कर दिया गया है। जबकि विगत वर्षों की भर्तियों 2019 में 115 पद, 2018 में 93 पद और 2015 में 70 पदों की रिक्तयों में बी.टेक.या उच्च योग्यता को शामिल किया गया था। मगर इस बार बी.टेक.डिग्री धारक अभ्यर्थियों को बाहर करके गुणवत्ता के साथ समझौता किया गया, साथ ही चरम बेरोजगारी के इस दौर में उपरोक्त निर्णय बी.टेक.डिग्री धारक बेरोजगारों का मनोबल तोड़ने वाला है।
इस पत्र में एसोसिएशन के अध्यक्ष इंजीनियर दीपक सिंह, उपाध्यक्ष इंजीनियर सपना गौतम और सचिव इंजीनियर अनुराग सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार के अधीन केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज, केन्द्रीय जल आयोग, बार्डर रोड आर्गनाइजेशन, रेलवे और अन्य विभागों में बी.टेक.डिग्री धारकों को जे.ई. के अर्ह माना जाता है। यूपी मेट्रो कारपोरेशन बी.टेक.अभ्यर्थियों को बाहर करके संविधान के अनुच्छेद 14, 15 (एक वर्ग विशेष बी.टेक. के साथ भेदभाव), अनुच्छेद 16 (अवसर की समानता) का उल्लंघन कर रहा है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने पुनीत शर्मा बनाम हिमांचल प्रदेश के अपने फैसले में कहा है कि डिग्री धारक जूनियर इंजीनियर भर्ती के लिए पात्र हैं।सुप्रीम कोर्ट ने यह माना कि डिग्री धारक समकक्ष या उच्च योग्यता मान कर जूनियर इंजीनियर पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। यूपी इंजीनियर्स एसोसिएशन ने भी यूपी मेट्रो कारपोरेशन के इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है। संगठन के महासचिव इंजीनियर आशीष यादव ने कहा है कि जब केन्द्र सरकार के तमाम विभाग अपने यहां की रिक्तयों में जूनियर इंजीनियर के पदों पर बी.टेक.डिग्री धारकों को अवसर प्रदान कर रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट भी इस बाबत व्यवस्था दे चुका है फिर यूपी मेट्रो रेलवे कारपोरेशन ऐसा किस नियम और संवैधानिक व्यवस्था के तहत कर रहा है, समझ से परे हैं। उन्होंने कहा कि वह भी अपने संगठन की ओर से यूपी मेट्रो रेलवे कारपोरेशन को पत्र लिखेंगे।