नोएडा में फर्जी अंतरराष्ट्रीय टेलीफ़ोन एक्सचेंज का भंडाफोड़

पुलिस ने नोएडा में चल रहे एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश कर उसके संचालक एवं अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. बताया गया कि आरोपी निजी सर्वर से दूरसंचार विभाग (डीओटी) के भारतीय सर्वर को बाईपास कर भारत में अंतरराष्ट्रीय कॉल करवा रहे थे.
Fake international telephone exchange busted Noida
नोएडा: नोएडा के सेक्टर-63 के सी-59 में चल रहे फर्जी अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज (Fake international telephone exchange busted Noida) पर दूरसंचार विभाग, एटीएस और नोएडा पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से छापा मार कर इसके संचालक रजत दुग्गल सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार किया. दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सिक्योरिटी विंग में एडीजी अंकित शुक्ला भी मौजूद रहे. एडीसीपी ने डीओटी सिक्योरिटी विंग को काफी समय से इनपुट मिल रहा था कि नोएडा के सेक्टर 63 में एक फर्जी कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से विदेश से आने वाली कॉल को लोकल कॉल में कन्वर्ट कर के अवैध रूप से मोटी कमाई की जा रही थी.
उन्होंने बताया कि इससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा था. ऐसा इसलिए था क्योंकि इस तरह के कॉलिंग का डाटा भारत सरकार के पास नहीं होता है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों से अन्य जानकारियां हासिल की जा रही हैं. इसपर बात करते हुए एडीसीपी सेंट्रल ज़ोन साद मियां खान ने बताया कि इस कॉल सेंटर पर वीओआईपी एनालॉग वॉइस सिग्नल को डिजिटल डाटा में बदल कर इसके जरिए रियल टाइम टू वे कम्युनिकेशन कराया जाता था. अगर आप स्मार्टफोन फोन से कॉल कर रहे हैं, तो कॉल सिग्नल दूसरे फोन पर पहुंचने से पहले ही कन्वर्ट हो जाती है.फर्जी अंतरराष्ट्रीय टेलीफ़ोन एक्सचेंज का भंडाफोड़
उन्होंने यह भी बताया कि वीओआईपी के जरिए कंप्यूटर, खास वीओआईपी फोन, सामान्य स्मार्टफोन से कनेक्ट होकर कॉल कर सकते हैं. इससे सरकार को हर महीने कम से कम 20 लाख रुपये के राजस्व की हानि हो रही थी. ऐसा काम करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है. इनसे पूछा जा रहा है कि कॉल कहां कहां से आती थी. पुलिस ने आरोपियों से लैपटॉप, एसआईपी सर्वर, अन्य सर्वर, सीपीयू, एसआईपी ट्रंक डिवाइस, वीओआईपी डायलर सहित अन्य उपकरण बरामद किए हैं. आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.