मैं आतंकवादी नहीं हूं, जेल से निकलने के बाद राजीव गांधी की कातिल का पहला रिएक्शन

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए महिला आत्मघाती हमलावार का इस्तेमाल किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे नलिनी श्रीहरन और आर पी रविचंद्रन समेत छह दोषियों रिहा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ी राहत मिलने के बाद नलिनी श्रीहरन की पहली प्रतिक्रिया भी सामने आई है। नलिनी ने कहा है, मैं आतंकवादी नहीं हूं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 की तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान हत्या कर दी गई थी।
जेल से बाहर आने के बाद नलिनी ने ‘न्यूज 18’ से बात करते हुए कहा, मैं जानती हूं, मैं आतंकवादी नहीं हूं। मैं इतने सालों तक जेल में रही। पिछले 32 घंटे मेरे लिए संघर्ष वाले समय रहे हैं। मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करती हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया। विश्वास रखने के लिए मैं तमिलनाडु के लोगों और सभी वकीलों को धन्यवाद देती हूं।’ नलिनी श्रीहरन और आर. पी. रविचंद्रन ने ने समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुनवाई के दौरान क्या कहा सुप्रीम कोर्ट?
जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा कि मामले के दोषियों में से एक आरोपी एजी पेरारिवलन के मामले में सुप्रीम कोर्ट का पहले दिया गया फैसला इन दोनों के मामले में भी लागू होता है। संविधान के अनुच्छेद-142 के तहत प्रदत्त शक्ति का इस्तेमाल करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिसने 30 साल से अधिक जेल की सजा पूरी कर ली थी।
महिला आत्मघाती हमलावर का किया गया था इस्तेमाल
पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के लिए धानु नाम की एक महिला आत्मघाती हमलावर का इस्तेमाल किया गया था। इस हमले में पूर्व पीएम की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस हमले की जांच के बाद सात लोगों को दोषी पाया गया। जिसमें एक दोषी पेरारिवलन को मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन, मई महीने में उसे भी सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई के आदेश दिए थे।