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ईरान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ेगा यूक्रेन, अब जेलेंस्की को मिल सकती है इजराइल की मदद; जानिए क्या है कनेक्शन

कीव में हुए हमलों में विस्फोटकों से लदे ड्रोन इस्तेमाल किए गए। इन हमलों में चार लोग मारे गए तथा इमारतों में आग लग गई। हमले में रूसी बलों द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन ईरान के प्रतीत होते हैं।

रूस की मदद करने के चलते यूक्रेन अब ईरान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यूक्रेन के विदेश मंत्री ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वह रूसी हमलों में मदद करने के लिए ईरान के साथ राजनयिक संबंधों को औपचारिक रूप से समाप्त करने का प्रस्ताव राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की को सौंपेंगे। बता दें कि यूक्रेन के कई शहरों में पिछले एक सप्ताह से लगातार रूसी हमले जारी हैं। सोमवार को कीव में हुए हमलों में विस्फोटकों से लदे ड्रोन इस्तेमाल किए गए थे। इन हमलों में चार लोग मारे गए तथा इमारतों में आग लग गई। हमले में रूसी बलों द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन ईरान के शाहेद ड्रोन प्रतीत होते हैं। 

ईरान रूस को भेज रहा आत्मघाती ड्रोन?

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, रूस ने सोमवार को यूक्रेन को निशाना बनाते हुए दर्जनों “कामिकेज” ड्रोन लॉन्च किए। यूक्रेन का कहना है कि ये हमले ईरानी निर्मित शाहेद-136 ड्रोन से किए गए थे। वहीं ईरान रूस को इन ड्रोनों की आपूर्ति से इनकार कर रहा है। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि उनके देश को यकीन है कि वे (ड्रोन) ईरान के हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन यूरोपीय देशों को इस बात पर संदेह है उन्हें “सबूतों से भरा बैग” सौंपेंगे। 

बता दें कि इससे पहले यूरोपीय संघ (ईयू) के शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि समूह ईरान की ओर से रूस को ड्रोन की कथित बिक्री को लेकर सबूत एकत्र कर रहा है और अगर आरोप सही साबित होते हैं तो खाड़ी देश पर कार्रवाई करेंगे। ईयू की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने सोमवार को कहा, “हम ड्रोन के उपयोग पर बहुत बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम सबूत जुटा रहे हैं और हम प्रतिक्रिया देंगे और हमारे पास मौजूद उपायों का इस्तेमाल करेंगे।’’

यूक्रेन अब इजराइल से संपर्क साधेगा

यूक्रेन के विदेश मंत्री कुलेबा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यूक्रेन के साथ संबंधों को तबाह करने की पूरी जिम्मेदारी ईरान की है। मैं यूक्रेन के राष्ट्रपति को ईरान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने का प्रस्ताव प्रस्तुत कर रहा हूं।” कुलेबा ने कहा कि यूक्रेन अब इजराइल से संपर्क साधेगा। उन्होंने कहा कि वे इजराइल को एक आधिकारिक नोट भेजेगा जिसमें तत्काल हवाई रक्षा आपूर्ति और अन्य सहयोग की मांग की जाएगी। कुलेबा की टिप्पणी पर तत्काल इजराइली प्रतिक्रिया नहीं आई। हालांकि इससे पहले मंगलवार को, इजराइल के निर्णय लेने वाले सुरक्षा कैबिनेट के एक सदस्य, न्याय मंत्री गिदोन सार ने आर्मी रेडियो को बताया कि “यूक्रेन के लिए उनके समर्थन में हथियार प्रणाली व हथियार देना शामिल नहीं हैं – और उस स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।”

जेलेंस्की को मिल सकती है इजरायली मदद

मीडिया रिपोर्टों में यूक्रेन के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से लिखा गया है कि इजराइल युद्धग्रस्त देश की मदद कर रहा है। अधिकारी ने दावा किया है कि इजराइल यूक्रेन को ईरानी आत्मघाती ड्रोन के बारे में “बुनियादी खुफिया” जानकारी दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, एक अज्ञात यूक्रेनी अधिकारी ने कहा कि एक इजराइली सुरक्षा कंपनी ने यूक्रेन की सेना को रूसी सेना की मौजूदगी की सेटेलाइट तस्वीरें भी उपलब्ध कराई हैं। यूक्रेन की सेना ने कथित तौर पर इस सप्ताह 50 आत्मघाती ड्रोनों को मार गिराया है, जिसमें अकेले एक ही दिन में नौ ड्रोन शामिल हैं। यूक्रेन के एक अधिकारी ने कहा कि ड्रोन उतने प्रभावी नहीं थे जितने मास्को ने योजना बनाई थी क्योंकि वे “धीमे” और “शूट करने में आसान” थे। कहा जा रहा है कि ये सफलता इजराइली खुफिया जानकारी के चलते संभव हो पाई है।

यही नहीं, हाल ही में इजराइल के प्रवासी मामलों के मंत्री नचमन शाई ने कहा था कि ईरान द्वारा रूस को बैलिस्टिक मिसाइलों की संभावित आपूर्ति की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों के मद्देनजर यूक्रेन को सैन्य सहायता प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “आज सुबह यह बताया गया कि ईरान रूस को बैलिस्टिक मिसाइलें भेज रहा है। इस खूनी संघर्ष में इजराइल को कहां खड़ा होना चाहिए, इसमें अब कोई संदेह नहीं है। यूक्रेन के लिए सैन्य सहायता प्राप्त करने का समय आ गया है, जैसा कि अमेरिका और नाटो देश प्रदान कर रहे हैं।” 

गौरतलब है कि इजराइल और ईरान एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं। ईरान और इजराइल के बीच सालों से छद्म युद्ध चल है। ईरान यहूदी देश इजराइल को मान्यता नहीं देता है। दुर्भाग्य से, इजरायल के नागरिकों को ईरान में प्रवेश करने की भी अनुमति नहीं है। ईरान ने लेबनानी हिज्बुल्लाह, और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (PIJ) सहित कई समूहों को पैसे दिए हैं और हथियार और प्रशिक्षण भी प्रदान किया है। इन समूहों ने इजराइल पर हमलों की कसम खाई है। 

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