महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार का बड़ा फैसला, आंदोलन से संबंधित दर्ज सभी केस लेगी वापस

महाराष्ट्र में राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने 30 जून 2022 तक राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर आंदोलन से संबंधित दर्ज केस को वापस लेने का फैसला किया है। शिंदे सरकार अब तक कई बड़े फैसले ले चुकी है।
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने गुरुवार को बड़ा फैसला लेते हुए 30 जून, 2022 तक राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर आंदोलन से संबंधित सभी आपराधिक मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। राज्य में जब से एकनाथ शिंदे की सरकार आई तब से अब तक कई बड़े फैसले ले चुकी है। हालांकि, केस से संबंधित पूरी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। जल्द ही सरकार की ओर से इस संबंध में पूरी विस्तृत जानकारी सामने आ जाएगी।
राज्य की पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार ने भी कथित तौर पर राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने का प्रस्ताव रखा था और इस साल की शुरुआत में प्रशासनिक समितियों को इस पर चर्चा के लिए अधिकृत किया था। तब जिन केसों को वापस लेने का प्रस्ता था वे जनवरी 2020 और दिसंबर 2021 के बीच दर्ज हुए थे।
इस फैसले के साथ शिंदे कैबिनेट ने अल्पसंख्यक विकास विभाग के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसमें विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तरी महाराष्ट्र क्षेत्रों में 2800 स्वयं सहायता समूह बनाए जाएंगे और 1500 अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार थी। इसमें शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी शामिल थे। इसके बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 विधायकों ने यह कहते हुए बगावत कर दिया कि यह गठबंधन प्रकृति के खिलाफ है। उनका कहना था कि शिवसेना ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
इसलिए सरकार भी भाजपा के साथ बननी चाहिए। इसके बाद शिंदे गुट को समर्थन देकर भाजपा ने महाराष्ट्र में सरकार बनवाई। तभी से उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच असली शिवसेना और इसके चुनाव निशान को लेकर लड़ाई जारी है।