यूक्रेन-रूस की लड़ाई, भारत में ‘दिल के मरीजों’ पर मुसीबत लाई, AIIMS में सर्जरी पर असर

यूक्रेन और रूस के बीच चल रही लड़ाई का असर भारत के दिल के मरीजों पर पड़ रहा है। दो देशों के बीच चल रहे युद्ध की वजह से ऑक्सिजनरेटर की कमी हो गई है। दिल्ली एम्स ने आदेश जारी किया है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्धा का असर दुनिया की अर्थव्यवस्था के अलावा कई चीजों पर पड़ा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। युद्ध के कारण भारत में ऑक्सिजनेटर की आपूर्ति प्रभावित हो रहा है। ऑक्सिजनेटर का इस्तेमाल दिल के मरीजों की सर्जरी में होता है। इसके अभाव में बड़ी संख्या में मरीजों की सर्जरी प्रभावित हो रही है। ऐसे में दिल्ली एम्स ने इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को ही प्राथमिकता देने के लिए प्रोटोकॉल बनाया है। अस्पताल का कहना है कि रूटीन सर्जरी के लिए ऑक्सिजनेटर को रोटेट किया जा सकता है।
क्या है आदेश
एम्स ने 13 अक्टूबर को आदेश जारी करते हुए कहा है कि जैसा कि आप सभी को पता है कि ऑक्सिजनरेटर की ऑपरेटिंग रूम में गंभीर कमी है और इस कमी के भविष्य में जारी रहने की उम्मीद है। ऐसे में मरीजों की सुचारू रूप से देखभाल सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा ऑक्सिजनरेटर का एसओपी के अनुसार उपयोग किया जाए। अत: सभी डॉक्टर्स से उम्मीद है कि वह इन दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।
1. उपलब्ध ऑक्सिजनरेटर की स्थिति का अमूमन शाम को पता चलता है इसलिए सभी डॉक्टर्स से अपील है कि वह अगले दिन के अपने केस के बारे में पूर्व सूचना दें। सभी से अनुरोध है कि वे स्टोर स्टाफ पर उन्हें पहले ऑक्सिजनरेटर देने के लिए दबाव न बनाएं।
2. हर सुबह 7-8 बजे के बीच स्टोर से ऑक्सिजनेटर आवंटित किए जाएंगे। रूटीन मरीजों की तुलना में ऑक्सिजनेटर आवंटित करने में उन मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनकी जिंदगी खतरे में है। रूटीन सर्जरी के लिए ऑक्सिजनेटर को रोटेशन के आधार पर आवंटित किया जाएगा।
क्या होता है ऑक्सिजनेटर
ऑक्सीजनेटर एक चिकित्सा उपकरण है जिसका उपयोग सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान मरीज के खून में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करने के लिए होता है। शरीर की नसों या अंगों में खून के प्रवाह को रोकने या खत्म करने में इसकी आवश्यकता होती है। यह अंग हृदय, फेफड़े या लीवर हो सकते हैं। जबकि नसों में एओर्टा, पल्मोनरी आर्टरी, पल्मोनरी वेंस और वेना केवा शामिल हैं।