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दिल्ली MCD चुनाव में BJP अपना सकती है 2017 वाला प्लान, सत्ता विरोधी लहर की ऐसे निकलेगी काट?

एमसीडी में अपनी सत्ता बरकरार रखने और चुनाव में एंटी इनकम्बेंसी पर काबू पाने के लिए BJP एक बार फिर से अपना वही 2017 वाला प्लान सकती है। अगर ऐसा हुआ तो भाजपा पार्षदों का धड़कनें बढ़ना तय है।

दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) में अब कुछ ही समय बचा है। ऐसे में एमसीडी में अपनी सत्ता बरकरार रखने और एंटी इनकम्बेंसी पर काबू पाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक बार फिर से अपना वही 2017 वाला प्लान सकती है। अगर ऐसा हुआ तो भाजपा पार्षदों का धड़कनें बढ़ना तय है।

वहीं, भाजपा की तरह आम आदमी पार्टी (आप) ने भी दिल्ली एमसीडी चुनाव के लिए रणनीति बनानी बनानी शुरू कर दी है। ‘आप’ इस बार हर हाल में भाजपा को एमसीडी से आउट करने का प्लान बना रही है।

माना जा रहा है कि, इस बार भाजपा को नगर निगम में एंटी इनकम्बेंसी (Anti-Incumbency) का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में पार्टी अभी से इसकी काट ढूंढने में जुट गई है। हर हाल में नगर निगम की सत्ता बचाने के लिए दिल्ली भाजपा इस बार भी अपने दागी छवि वाले पार्षदों के साथ ही नॉन परफॉर्मेंस वाले सभी मौजूदा पार्षदों के टिकट काटने पर विचार कर सकती है।

इनके स्थान पर भाजपा द्वारा नए चेहरों या फिर अच्छी छवि वाले उन पूर्व पार्षदों को भी दूसरा मौका दिया जा सकता है, जिनके 2017 में हुए नगर निगम चुनाव में टिकट काट दिए गए थे।

गौरतलब है कि, पिछले 15 सालों से एमसीडी में भाजपा का शासन है। इस दौरान कोई दूसरा दल यहां पैर जमाने में कामयाब नहीं हो सका है। 2017 के चुनाव में भाजप ने किसी भी सिटिंग पार्षद को टिकट ना देकर एक बड़ा दांव चला था, इसके चलते पार्टी एंटी इनकम्बेंसी का कोई नुकसान नहीं झेलना पड़ा था और उसे एक बड़ी जीत मिली थी।

बता दें कि,  दिल्ली नगर निगम चुनाव जो दिसंबर में होने की संभावना है, उसके लिए दिल्ली भाजपा ने अभी से अपनी कमर कसते हुए मंगलवार को चुनाव से संबंधित 21 कमेटियों का गठन कर दिया है। ये कमेटियां चुनाव प्रबंधन, घोषणापत्र, प्रचार अभियान, मीडिया और विज्ञापन सामग्री की खरीद आदि से जुड़ी होंगी। इन पोल पैनल के सदस्यों में वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल होंगे।

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