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तिहाड़ में क्षमता से ज्यादा कैदी, मौलिक अधिकारों का उल्लंघन; HC में याचिका दायर

दिल्ली हाईकोर्ट में एनजीओ की तरफ से दायर की गई इस याचिका में यह भी कहा गया है कि जेल में कैदियों की संख्या अत्यधिक होने की वजह से कैदी मानसिक और शारीरीक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। 

तिहाड़ जेल में क्षमता से ज्यादा कैदियों को रखे जाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि जेल के हर बैरक में क्षमता से ज्यादा कैदियों को रखा गया है। याचिका में कहा गया है कि तिहाड़ में बंद कैदियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। एक गैर सरकारी संस्था Nyaya Foundation ने अपनी याचिका में कहा है जेल में अनावश्यक रूप से कैदियों की भीड़ जमा करने की वजह से संविधान के आर्टिकल 21 में दिये गये उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इसमें इस बात का उल्लेख है कि एक शांतिपूर्ण और अभिमानपूर्वक जीने का अधिकार सभी को है। याचिका में यह भी कहा गया है कि जेल में कैदियों की संख्या अत्यधिक होने की वजह से कैदी मानसिक और शारीरीक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। 

याचिका के मुताबिक, अगर तिहाड़ जेल में बंद किसी कैदी को तीन साल से कम की सजा हुई है और उसने पहली बार कोई गुनाह किया हो उन्हें जमानत पर रिहा करने के लिए प्रोबेशन रिपोर्ट पर विचार जरूर करना चाहिए। याचिका में आगे कहा गया है कि बेवजह की गिरफ्तारियों की वजह से भी जेल परिसर में कैदियों की संख्या बढ़ रही है। अगर किसी निर्दोष शख्स को गिरफ्तार किया जाता है तो जेल के अंदर जिन हालातों से उसका सामना होता है उसके बाद वो भी अपराध में संलिप्त हो जाता है। अगर बेवजह और गैर कानूनी गिरफ्तारियां रूक जाएं तो ऐसा नहीं होगा। 

याचिका में कहा गया है की शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद कैजुअल गिऱफ्तारियां भी नहीं रूक रही हैं। आरोपी युवक को हिरासत में लिया जा रहा है और फिर उन्हें जेल में डाल दिया जाता है जो कि कानून का उल्लंघन है। रोहिणी जेल साल 2004 और मंडोली जेल साल 2016 में बना था। ऐसी उम्मीद थी कि इनके बनने के बाद तिहाड़ जेल का बोझ हल्का होगा लेकिन आज इन दोनों जेलों में भी कमोबेश ऐसे ही हालात हैं।

एक आरटीआई के जवाब में जेलों के डीजी के कार्यालय से बतयाया गया है कि तिहाड़ जेल दुनिया का सबसे बड़ा जेल परिसर है और इसमें 9 सेंट्रल जेल शामिल हैं। इनकी क्षमता 5200 कैदियों को रखने की है लेकिन वहां अभी 13,183 कैदी विभिन्न सेंट्रल जेलों में हैं। मंडलो में 6 सेंट्रल जेल है। इसकी क्षमता 1,050 की है लेकिन यहां अभी 2,037 कैदी हैं। इसी तरह रोहिणी में 3,776 कैदियों की क्षमता है लेकिन वहां 4,355 कैदी अभी कैद हैं।

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