कानपुर हादसे से सबक नहीं, बिना फिटनेस बिना चालान अभी भी चल रहे 20 साल पुराने ट्रैक्टर

कानपुर के कोरथा हादसे के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से सवारियां ढोने पर लगी पाबंदी का कोई असर नहीं दिख रहा है, जबकि जिला पुलिस और परिवहन विभाग 3 अक्तूबर से जागरूकता अभियान भी चला चुका है।
कानपुर के कोरथा हादसे के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से सवारियां ढोने पर लगी पाबंदी का कोई असर नहीं दिख रहा है, जबकि जिला पुलिस और परिवहन विभाग 3 अक्तूबर से जागरूकता अभियान भी चला चुका है। तीन सौ से अधिक ट्रैक्टर औऱ डंपर के चालान सवारियां ढोने पर किए गए हैं। इसके बावजूद जिले में रजिस्टर्ड ट्रैक्टरों में से 2782 जानलेवा ट्रैक्टरों से सवारियां ढोई जा रही हैं। हद तो यह है कि ये ट्रैक्टर पंजीयन की पहली आयु भी पूरी कर चुके हैं यानी इनके रजिस्ट्रेशन के 15 साल गुजर गए हैं। इसके बाद इन ट्रैक्टरों का न तो पंजीयन हुआ और न ही फिटनेस। फिर भी इनमें से किसी का कभी चालान तक नहीं किया गया।
गफलत का फायदा उठाते हैं ट्रैक्टर मालिक पूर्व सीएम राजनाथ सिंह ने अपने कार्यकाल में ट्रैक्टरों को टैक्स से मुक्त कर दिया था। इसके बाद ट्रैक्टरों के पंजीयन में टैक्स नहीं पड़ता है। इनकी आयु निजी वाहन की तरह 15 साल होती है। कॉमर्शियल ट्रैक्टरों को तिमाही टैक्स देना होता है। इनकी संख्या कुल ट्रैक्टरों में से लगभग छह फीसदी ही है। अब नियम है कि कृषि कार्य में रजिस्टर्ड ट्रैक्टर केवल मंडी तक आएं।
– जिले में रजिस्टर्ड कुल ट्रैक्टर 20494
– कृषि कार्य में रजिस्टर्ड 19319
– कामर्शियल में पंजीकृत 1175
– शहर में अवैध चल रहे 2100
बता दें कि हाल ही में कानपुर में हादसा हुआ था। इस हादसे में ट्रैक्टर से जा रही सवारियों में से 26 की मौत हो गई थी। मेले से आ रही सवारियां ट्रैक्टर पर सवार थी जिस समय चालक की लापरवाही के कारण ट्रैक्टर हादसे का शिकार हुआ और 26 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के दौरान ट्रैक्टर चालक ने शराब पी हुई थी। वहीं हादसे के बाद योगी सरकार ने ट्रैक्टर से सवारी ढोने पर बैन लगा दिया है।