कानपुर में कूड़े से बनेगी सीएनजी और बिजली, टेस्ट में ऐसे पास हुआ था कूड़ा

कानपुर शहर में कूड़े से सीएनजी और बिजली के उत्पादन का रास्ता गुरुवार को साफ हो गया। प्रधानमंत्री के सलाहकार ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानपुर समेत यूपी के पांच शहरों में निर्देश दिए।
कानपुर शहर में कूड़े से सीएनजी और बिजली के उत्पादन का रास्ता गुरुवार को साफ हो गया। प्रधानमंत्री के सलाहकार ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कानपुर समेत यूपी के पांच शहरों में इसकी तैयारी करने का निर्देश दिया। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात को इसकी कार्ययोजना बनाने के लिए कहा।
कानपुर के पनकी में नगर निगम के साथ मिलकर सीयूजीएल प्लांट लगाएगा। इसका प्रस्ताव पहले ही शासन स्तर पर लंबित था जिसे अब हरी झंडी मिलनी तय है। जल्द ही सीयूजीएल के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे। सूखे कूड़े से बिजली और गीले कूड़े से सीएनजी तैयार होगी।वीडियो कांफ्रेंसिंग में कानपुर से अपर नगर आयुक्त सूर्यकांत त्रिपाठी और पर्यावरण अभियंता आरके पाल मौजूद रहे।
घरों और पंपों पर की जाएगी सीएनजी की आपूर्ति प्रस्ताव के मुताबिक पनकी भव सिंह स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट में रोजाना 24000 किलो सीएनजी का उत्पादन होगा जिसकी आपूर्ति घरों और सीएनजी पंपों पर की जा सकेगी। सीयूजीएल का आकलन है कि कम से कम 1000 मीट्रिक टन कूड़ा उसे प्लांट में मिलेगा। सीएनजी की आपूर्ति के लिए सीयूजीएल को ज्यादा दिक्कत इसलिए नहीं होगी क्योंकि पनकी प्लांट के पास से ही उसकी पाइप लाइन गुजर रही है। जो सीएनजी तैयार होगी उसे पाइपों के जरिए पंपों और घरों तक भेजा जा सकेगा।
टेस्ट में ऐसे पास हुआ था कानपुर का कूड़ा
खास बात वेस्ट टू सीएनजी प्लांट के लिए कैलोरिसिक वैल्यू (कैलोरी की वैल्यू) देखी जाती है। अगर कूड़े में यह वैल्यू 40 प्रतिशत से ऊपर है तो उपयुक्त है। यानि ज्वलशील पदार्थों की मात्रा सर्वाधिक होनी चाहिए। कानपुर के कूड़े में यह वैल्यू 70 प्रतिशत से ज्यादा पाई गई है। इसलिए यहां का कूड़ा प्लांट के लिए उपयुक्त पाया गया है।
फिजिबिलिटी टेस्ट की ऐसे तैयार हुई रिपोर्ट
1. फिजिबिलिटी टेस्ट में 1200 टन ताजा कूड़े का सैंपल लिया गया था।
2. कानपुर से औसतन रोजाना 1000 टन कूड़ा उत्पादन माना गया।
3. औसतन कूड़े के उत्पादन के आधार पर ही फिजिबिलिटी टेस्ट हुआ।
4. पूरे कूड़े में 40 प्रतिशत प्लास्टिक, कागज समेत आरडीएफ पाया गया।
5. आरडीएफ के जरिए ज्वलनशीलता का मानक पहले से ही पूरा हो गया।
6. 50 प्रतिशत गीला कूड़ा मिला जिससे मीथेन गैस बनने की संभावना पाई गई।
7. कुल कैरोरिसिक वैल्यू 70 से अधिक पाने पर फिजिलिलिटी टेस्ट पास हुआ।
8. टेस्ट में कानपुर का कूड़ा कैलोरिसिक वैल्यू में ए ग्रेड में शामिल हुआ।
9. आरडीएफ में भी 70 प्लास्टिक की मात्रा पाई गई, इसलिए पास हुआ।
कूड़ा निस्तारण की समस्या हो जाएगी दूर
इस प्लांट की स्थापना के साथ ही रोजाना कूड़ा निस्तारण की समस्या ही दूर हो जाएगी क्योंकि हर रोज जितना कूड़ा निकलेगा उतने का इस्तेमाल सीएनजी प्लांट में हो जाएगा। नगर निगम को सिर्फ सालों से पड़े पुराने कूड़े के निस्तारण पर ही ध्यान देना होगा। इसके लिए लगभग 2 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। प्लांट लगाने में 15 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा के निर्देश पर सीयूजीएल के साथ वार्ता पहले ही फाइनल हो चुकी है।
पर्यावरण अभियंता, आरके पाल ने कहा कि 11 साल पहले पनकी भव सिंह में एटूजेड ने कचरे से बिजली तैयार करने को भी प्लांट लगाया गया था मगर अब इसके संयंत्र जर्जर हो चुके हैं। अब नए सिरे से बिजली,सीएनजी तैयार करने का प्लांट लगेंगे।