
अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा में हमेशा ही भारी भीड़ होती है। इस बार तो श्रद्घालुओं ने रिकॉर्ड बना दिया। करीब 45 लाख लोगों ने परिक्रमा की।
रामनगरी में कार्तिक मेले की धूम है। कार्तिक मेला तीन चरणों में होता है। पहले चरण में 14 कोसी परिक्रमा व दूसरे चरण में पंचकोसी परिक्रमा होती है। तीसरा चरण कार्तिक पूर्णिमा को माना जाता है। यह उत्सवी परंपरा रामनगरी में सदियों से प्रवाहमान है, लेकिन इस बार कार्तिक मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ ने एक नया रिकार्ड बना दिया है।
पिछले चार दिनों में अयोध्या की चौदहकोसी व पंचकोसी परिक्रमा 45 लाख श्रद्घालुओं ने की। यह यहां जुटने वाली भीड़ का नया रिकार्ड है। अब तक कार्तिक परिक्रमा मेले में 20 से 25 लाख की भीड़ जुटती रही है। रामनगरी अयोध्या में जब से राममंदिर का निर्माण शुरू हुआ है, यहां श्रद्धालुुओं व पयर्टकों की भीड़ तेजी से बढ़ी है। मंदिर निर्माण का साक्षी बनने की लालसा भक्तों व पर्यटकों को अयोध्या खींच ला रही है। पिछले दो साल कोरोना के चलते उत्सव, पर्व व त्योहार फीके रहे थे, लेकिन जैसे ही कोरोना काल समाप्त हुआ, अयोध्या में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। पर्व व त्योहारों पर तो भीड़ का नया रिकार्ड बन रहा है।
रामकोट निवासी साकेतशरण मिश्र बताते हैं कि यह परिवर्तन केवल राममंदिर निर्माण शुरू होने से आया है। जब से राममंदिर निर्माण का श्रीगणेश हुआ है, अयोध्या के प्राचीन वैभव की पुर्नप्रतिष्ठा भी शुरू हो गई है। हर दिन हजारों भक्त अयोध्या आ रहे हैं। प्रधानाचार्य संत प्रसाद कहते हैं कि इस बार की परिक्रमा ने नया रिकार्ड बनाया है। पांच दशक में पहली बार परिक्रमा को इस तरह का उत्साह दिखा। अमूमन 10 से 15 अधिकतम 20 लाख तक की भीड़ आती रही है।
चिकित्सक डॉ. वीके मिश्रा ने बताया कि भीड़ देखकर अचंभित था। यह तय है कि निकट भविष्य में हर रोज एक लाख से अधिक भक्त अयोध्या पहुंचेंगे। यह अयोध्या की तरक्की का संकेत है लेकिन जल्द ही शासन प्रशासन को सुविधाएं विकसित करनी होगी। खुफिया विभाग से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि आज तक परिक्रमा मेले में इतनी भीड़ नहीं उमड़ी। अब तक अधिकतम 20 से 25 लाख तक की भीड़ आती रही है, पिछले कुछ सालों में यह संख्या भी घटकर 15 लाख तक पहुंच गई थी।
डीएम नितीश कुमार ने बताया कि लाखों की भीड़ की गिनती करना संभव नहीं है। बताया कि हम फुटफॉल से भीड़ का अंदाजा लगाते हैं। जैसे किसी एक बैरियर से कितने लोग गुजरे हैं। 24 घंटे में उसका एक आंकड़ा निकाला जाता है। इसके अलावा सरयू के घाटों पर एक बार में कितने लोग जा रहे हैं। घाट की क्षमता का आकलन कर पूरे 24 घंटे का आंकड़ा निकालते हैं। इस हिसाब से इस बार चौदहकोसी में लगभग 40 व पंचकोसी में लगभग 45 लाख भक्तों ने अयोध्या में परिक्रमा की है, शायद यह रिकार्ड भी है।