दिवाली से पहले रात से ही दिल्ली के कई इलाकों तापमान गिर गया और हवाएं भी चलीं। रात में प्रदूषण का स्तर बढ़ा था। राजधानी के कई इलाकों में लोगों ने पटाखे भी फोड़े गये। जिसके बाद प्रदूषण बढ़ा।
दिवाली के दिन दिल्ली की हवा बुरी तरह प्रदूषित हो गई है। दिवाली की सुबह राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता काफी खराब की श्रेणी के बिल्कुल करीब पहुंच गया। रात से ही दिल्ली के कई इलाकों तापमान गिर गया और हवाएं भी चलीं। रात में प्रदूषण का स्तर बढ़ा था। राजधानी के कई इलाकों में लोगों ने पटाखे भी फोड़े गये। करीब 1,318 खेतों में धुआं उठता दिखा। इससे पहले रविवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 259 पर पहुंच गया था। सोमवार की सुबह 6 बजे तक दिल्ली का एक्यूआई 298 तक पहुंच गया था। शहर की 90 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 35 स्टेशनों पर दिल्ली की हवा बेहद ही खराब स्तर पर दर्ज की गई। वहीं आनंद विहार में हवा की गुणवत्ता गंभीर की श्रेणी मं दर्ज किया गया। गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300, नोएडा में 299, ग्रेटर नोएडा 282, गुरुग्राम 249 और फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांत 248 दर्ज किया गया।
बता दें कि अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक जीरो से 50 के बीच हो तो इसे अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच रहने वाली वायु गुणवत्ता सूचकांक को खराब, 201 से 300 के बीच रहने आने वाली वायु गुणवत्ता सूचकांक को खराब और 301 से 400 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक को गंभीर माना जाता है। केंद्रीय मंत्रालय के तहत आने वाली पूर्वानुमान एजेंसी SAFAR ने इससे पहले उम्मीद जताई थी कि तापमान में गिरावट की वजह से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ सकता है। आशंका जताई गई थी कि सोमवार की सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक काफी खराब श्रेणी में पहुंच गया था। यह भी कहा गया था कि अगर पटाखे नहीं जलाए जाते हैं तो भी दिल्ली की हवा बेहद ही खराब की श्रेणी में रहेगी।
अगर पिछले साल की तरह दिवाली के मौके पर दिल्ली में पटाखे फोड़े जाते हैं तो यहां प्रदूषण का स्तर गंभीर की श्रेणी में पहुंच जाएगा। दिवाली के अगले दिन तक प्रदूषण की वजह से दिल्ली रेड जोन में पहुंच जाएगी। दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान हवा की मंद गति के कारण कम 5 प्रतिशत तक रहा है। सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा हालांकि, सोमवार दोपहर से हवा की दिशा और गति वायु प्रदूषण के लिए बहुत अनुकूल रहने की संभावना है। यह 25 अक्टूबर को दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15.18 प्रतिशत कर देगा और हवा की गुणवत्ता को गंभीर श्रेणी में पहुंचा देगा।