सीएम योगी ने घोषणा : खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए अन्य राज्यों के कृषि उत्पादों से हटेंगे मंडी शुल्क

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण में अपार संभावनाएं हैं। देश की सिर्फ 12 फीसदी खेती योग्य भूमि उत्तर प्रदेश में है। इसके बावजूद प्रदेश पूरे देश का 20 प्रतिशत खाद्यान्न आपूर्ति कर रहा है। कई फसलों के उत्पादन में नंबर वन हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए अन्य राज्यों से आने वाले कृषि उत्पादों पर मंडी शुल्क हटाया जाएगा। वहीं ऐसी उपज के निर्यात पर भी सब्सिडी देने पर विचार चल रहा है। संबंधित बिंदु पर खाद्य प्रसंस्करण नीति 2022 में विचाराधीन है। वह बृहस्पतिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘कृषि आधारित एमएसएमई उद्यमी महासम्मेलन और फूड एक्सपो 2022 को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि श्रम एवं पर्यावरण विभाग के निरीक्षण में उद्यमियों को परेशान करने की बात कही गई है। इसके लिए कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित किया जाएगा, जो निरीक्षण का अनुमोदन देगी। भू उपयोग परिवर्तन की बाधाएं दूर करने और इसे सरल बनाने का प्रयास किया जाएगा। जिससे एमएसएमई को बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि फरवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने जा रहा है। उद्यमी ज्यादा से ज्यादा निवेश करें ताकि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार का संकल्प पूरा हो।
इस मौके पर एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, एपीसी मनोज कुमार सिंह, एसीएस अमित मोहन प्रसाद मौजूद थे। निदेशक उद्यान आरएस तोमर ने बताया कि शुक्रवार को समापन समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शामिल होंगे।
खाद्य प्रसंस्करण में अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण में अपार संभावनाएं हैं। देश की सिर्फ 12 फीसदी खेती योग्य भूमि उत्तर प्रदेश में है। इसके बावजूद प्रदेश पूरे देश का 20 प्रतिशत खाद्यान्न आपूर्ति कर रहा है। कई फसलों के उत्पादन में नंबर वन हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 90 लाख से ज्यादा एमएसएमई यूनिट हैं। यहां एक हजार दिनों तक किसी भी एमएमएमई इंडस्ट्री को लगाने पर किसी तरह की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। लिहाजा उद्यमी इसका लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति प्रदेश के उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। राज्य सरकार 25 और नीतियों का सृजन कर रही है।
आईआईए ने सम्मेलन में उठाई मांगें
सम्मेलन में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने कई मांगें उठाईं। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करने का आग्रह किया। वहीं वरिष्ठ उपाध्यक्ष आईआईए नीरज सिंघल ने उद्योग बंधु की बैठक कराने की मांग की।