प्रदेश के कई जिलों में खेलों को बढ़ावा देने की लिए स्टेडियम निर्माण के लिए करोड़ों रुपये शासन ने मंजूर किए। याची का आरोप है कि इस रकम का दुरुपयोग किया गया और स्टेडियम नहीं बनाए गए।
जिलों में स्टेडियम निर्माण में कथित धांधली का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। सरकार की ओर से इस मामले में पूरक हलफनामा पेश करने के लिए वक्त मांगा गया है। सरकार कोर्ट को बताएगी कि प्रदेश भर के जिलों में स्टेडियम कब, कहां बने और कितना खर्च हुआ। सरकार की मांग पर कोर्ट ने मामले को 12 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दिया है।
इस मामले में एक जनहित याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दायर की गई है। याची का कहना है कि प्रदेश के कई जिलों में खेलों को बढ़ावा देने की लिए स्टेडियम निर्माण के लिए करोड़ों रुपये शासन ने मंजूर किए। याची का आरोप है कि इस रकम का दुरुपयोग किया गया और स्टेडियम नहीं बनाए गए।
इस पर सरकारी वकील ने जवाबी हलफनामा पेश कर कोर्ट को बताया कि प्रदेश में कुल 77 स्टेडियम बने हैं, लेकिन इनकी जगहों और निर्माण कार्य पर हुए खर्च आदि का उल्लेख नहीं किया गया था। जवाबी हलफनामे पर याची ने आपत्ति जताई। इसके बाद सरकार की ओर से पेश वकील ने अन्य ब्योरा देने के लिए समय मांगा, जिस पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने मामले को 12 दिसंबर के लिए मुल्तवी कर दिया।